पहले दिन जिले के 60 में से 55 धान खरीदी केंद्रों में नहीं पहुंचे किसान ।
पहले दिन जिले 60 में से 55 केंद्रों में किसान नहीं पहुंचे । यहां 8 घंटे तक खरीदी केंद्र प्रभारी किसानों के आने का इंतजार करते रहे लेकिन उनके हाथ निराशा देरी से शुरू हुई धान खरीदी के पहले दिन केवल यस्तर जिले के बकावंड , तोकापाल और जगदलपुर ब्लॉक के 5 कद्रों में 11 किसान हा किसान धान बेचने पहुंचे । इन किसानों ने शाम 5 बजे तक 505 क्विंटल धान बेचा । इसमें सबसे अधिक 194 क्विंटल धान तोकापाल ब्लॉक के करंजी धान खरीदी केंद्र खरीदा गया । इसके अलावा करंजी में 108 और पल्ली में किसानों ने 76 क्विंटल धान बेचा ।
इसमें वहकिसान भी शामिल था जिसका करीब एक लाख रुपए का धान कुछ दिनों पहले जल गया था । जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सीईओ आरए खान ने बताया पहले दिन केवल धान खरीदी पल्ली , कचनार , करपावंड माइपाल और करंजी धान खरीदी केंद्र में की गई है । आने वाले दिनों में किसानों की संख्या खरीदी केंद्रों में बढ़ेगी । खान ने कहा धान खरीदी केंद्रों में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो इसक लिए करपावंड के साथ ही अन्य घान खरीदी केंद्रों में जाकर खरीदे गए धान की पड़ताल की गई । जांच दौरान समर्थन मूल्य में धान खरीदी को लेकर बनाए गए मापदंड अनुसार पाया गया । सोमवार को धान बेचने के लिए 12 किसानों कपन कटवाया है ।
बस्तर जिले में पहले दिन धान खरीदी की स्थिति
- 197 किसानों ने शनिवार को धान बेचने के लिए टोकन लिया ।
- 179 किसानों का टोकन शाम 5 बजे तक नहीं पहुंचने से निरस्त किया ।
- 505 क्विंटल धान पहले दिन 11 किसानों ने बेचा ।
- 30 हजार 305 किसानों ने धान बेचने लिए कराया है पंजीयन।
- 51 हजार हेटयर में लगी फसल बेचेंगे किसान इस साल।
शाम तक नहीं आए तो 166 टोकन किए निरस्त
किसानों से धान की खरीदीटकन सिस्टम से की जा रही है । शनिवार को 197 किसानों को टकन जारी किया गया था । केंद्र में नहीं पहुचन के चलते शाम 5 बजे तक 179 किसान का टोकन निरस्त कर दिया गया के अधिक 18 टोकन केवल बकावंड ब्लाक के मूली धान खरीदी में निरस्त किया गया है । इसके अलावा इसी ब्लाक के राजनगर और सरगोपाल 10 - 10 टोकन निरस्त किए गए । वाले टोकनकी संख्या 3 से 5है ।
10 हजार 134 टन धान खरीटी का मिला है लक्ष्य
समर्थन मूल्य पर होने वाली थान खरीदी में इस साल बस्तर डिल में 10 हजार 434 टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।
जो पिछले साल की ललना में 434 टन ज्यादा है । 2500 रुपए प्रति किटल के रेट से । उठाने के लिए इस साल 30 हजार 305 किसानों ने पंजीयन करवाया । इन किसानों ने 51 हजार हेक्टेयर लगी धान की फसल को बेचने । लिए पंजीयन करवाया है । जबकि किसानों ने पंजीयन नहीं करता है।
GOOD ENFORMETION.
ReplyDeleteTHANK YOU.
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